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MongolHistory:इतिहास से परदे तक: ‘बाचू’ में छिपा है मंगोल तांत्रिकों का खौफनाक अक्स?”

MongolHistory: प्राचीन मंगोल तांत्रिक की छवि से प्रेरित हो सकता है ‘अर्तग़ल गाज़ी’ का खौफनाक किरदार बाचू MongolHistory : तुर्की के ऐतिहासिक धारावाहिक ‘Diriliş: Ertuğrul’ ने दुनियाभर में दर्शकों के दिलों पर गहरी ...

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MongolHistory: प्राचीन मंगोल तांत्रिक की छवि से प्रेरित हो सकता है ‘अर्तग़ल गाज़ी’ का खौफनाक किरदार बाचू

MongolHistory : तुर्की के ऐतिहासिक धारावाहिक ‘Diriliş: Ertuğrul’ ने दुनियाभर में दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी है। इसके दूसरे सीज़न में जब नोयान नामक मंगोल सेनापति की एंट्री होती है, तो दर्शक उसकी क्रूरता से सिहर उठते हैं। पर उससे भी अधिक रहस्यमयी और डरावना किरदार होता है – उसका साथी ‘बाचू’। एक जंगली, तांत्रिक शक्तियों में विश्वास रखने वाला, आधा नग्न, आंखों में खून की लाली लिए यह पात्र अपने आप में बेहद अनोखा है। अब माना जा रहा है कि यह चरित्र एक प्राचीन मंगोल तांत्रिक की ऐतिहासिक छवि से प्रेरित हो सकता है।

ऐतिहासिक प्रमाण बताते हैं कि मंगोल साम्राज्य के विस्तार काल (13वीं सदी) में केवल घुड़सवार सेना ही नहीं, बल्कि गुप्त तांत्रिक साधक भी शासकों के साथ रहते थे। इनका कार्य था युद्ध से पहले मनोवैज्ञानिक दहशत फैलाना, विरोधियों पर तांत्रिक क्रियाएं करना और भविष्यवाणी से खतरों की चेतावनी देना। ये तांत्रिक कई बार मानव हड्डियों, खालों और जानवरों के अवशेषों का उपयोग कर अपने शरीर को ढंकते थे। उनकी उपस्थिति ही शत्रु के लिए भयावह मानी जाती थी।

हाल ही में कुछ इतिहासकारों ने मंगोल तांत्रिकों की दुर्लभ चित्रकारी और मूर्तियों का अध्ययन किया है, जिसमें एक साधक की छवि बाचू के स्वरूप से मिलती-जुलती पाई गई। घने बाल, गंदे कपड़े, चेहरे पर राख, और हिंस्र भाव – यह सब ‘बाचू’ के लुक को ऐतिहासिक रूप से सटीक बनाता है।

MongolHistory : डिज़ाइनर्स और लेखक मंडली की तरफ से भले ही कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन ‘बाचू’ का यह स्वरूप दर्शकों में ‘मंगोल रहस्यवाद’ और तांत्रिक भय की नई परिभाषा बन गया। दर्शक उसे सिर्फ विलेन नहीं, बल्कि एक रहस्यमयी शक्ति के रूप में देखते हैं, जिसकी उपस्थिति ही डर पैदा कर देती है।

‘अर्तग़ल गाज़ी’ जैसे ऐतिहासिक शो की यही खूबी है – वह इतिहास को केवल नहीं दोहराता, बल्कि उसके रहस्यों, परंपराओं और पौराणिक प्रतीकों को आज की भाषा में जीवंत कर देता है।

बाचू सिर्फ एक पात्र नहीं, बल्कि इतिहास की उन परछाइयों का अक्स है, जिन्हें सदियों तक रहस्यमयी कहा गया।