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Sidhi news:कोड़ार पंचायत में “ग़ायब मजदूर” को मिला काम और भुगतान, सरकारी सिस्टम को लगाया गया बड़ा झटका

Sidhi news : मनरेगा में फर्जीवाड़ा! कोड़ार पंचायत में “ग़ायब मजदूर” को मिला काम और भुगतान, सरकारी सिस्टम को लगाया गया बड़ा झटका सीधी/कुसमी: Sidhi news : सीधी जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र ...

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Sidhi news : मनरेगा में फर्जीवाड़ा! कोड़ार पंचायत में “ग़ायब मजदूर” को मिला काम और भुगतान, सरकारी सिस्टम को लगाया गया बड़ा झटका

सीधी/कुसमी:

Sidhi news : सीधी जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र कुसमी की ग्राम पंचायत कोड़ार से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में गंभीर अनियमितता का मामला सामने आया है। पंचायत सचिव और रोजगार सहायक पर मिलीभगत कर फर्जी नाम से जॉब कार्ड बनवाने और शासकीय धन का दुरुपयोग करने का आरोप है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत कुंदर में 1 जुलाई 2022 को “विपिन सिंह” नामक व्यक्ति के नाम पर जॉब कार्ड क्रमांक MP15-007-032-001/50A बनाया गया। हैरानी की बात यह है कि उस कार्ड में पिता का नाम भी विपिन सिंह ही दर्ज है। जब पंचायत की वोटर लिस्ट खंगाली गई, तो पता चला कि इस नाम का कोई भी व्यक्ति ग्राम पंचायत का निवासी नहीं है।

Sidhi news : इसके बावजूद उसी व्यक्ति को 2 जुलाई 2022 से निरंतर मनरेगा के तहत कार्य करते दिखाया गया, और उसे 2025 तक मजदूरी का भुगतान भी होता रहा। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि जॉब कार्ड पूर्णतः फर्जी तरीके से बनवाया गया और योजनागत धनराशि की खुलकर लूट हुई है।

मनरेगा कानून के तहत ऐसा कृत्य धारा 25 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। अगर कोई व्यक्ति फर्जी दस्तावेज के जरिए योजना का लाभ उठाता है या करवाता है, तो उसके खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई होनी चाहिए।

जब मीडिया ने ग्राम पंचायत कोड़ार की सरपंच सीता सिंह से इस विषय पर प्रतिक्रिया मांगी, तो उन्होंने कहा मेरे ग्राम पंचायत में विपिन सिंह नामक कोई भी व्यक्ति नहीं रहता। यह गंभीर मामला है और पूरी तरह से जांच योग्य है।”

इस मामले को लेकर जनपद पंचायत कुसमी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज्ञानेंद्र मिश्रा से भी संपर्क किया गया। उन्होंने बताया:“अभी यह मामला मेरे पास नहीं आया था, लेकिन अब इसकी जांच की जाएगी। तथ्य सामने आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”

अब सवाल यह है कि पंचायत सचिव और रोजगार सहायक ने ऐसे व्यक्ति का जॉब कार्ड आखिर किस आधार पर बना दिया, जो वहां का स्थायी निवासी ही नहीं है? और यदि यह खुलासा मीडिया न करता, तो क्या यह फर्जीवाड़ा दबा दिया जाता?

यह मामला न सिर्फ भ्रष्टाचार का उदाहरण है, बल्कि ग्रामीण रोजगार योजनाओं की जमीनी हकीकत को भी उजागर करता है। अब देखना होगा कि दोषियों पर कार्यवाही होती है या फिर यह मामला भी फाइलों में गुम हो जाएगा।

रिपोर्ट: मनोज शुक्ला

स्थान: कुसमी, सीधी (मध्य प्रदेश)