International history : चार पैरों वाली लड़की” से प्रेरणा की मिसाल बनी मर्टल कॉर्बिन — असाधारण शरीर में छुपा था एक साधारण लेकिन अद्वितीय जीवन
टेनेसी (अमेरिका), सन् 1868:
International history : दुनिया ने जब पहली बार जोसेफिन मर्टल कॉर्बिन को देखा, तो उनकी चार टांगें देखकर लोग चकित रह गए। पर उनके जीवन की सबसे बड़ी खासियत न तो उनका शरीर था और न ही उनका ‘साइडशो’ की शोहरत, बल्कि वह जज़्बा था जिससे उन्होंने अपने हर पल को जिया।
मर्टल का जन्म डाइपाइगस नामक दुर्लभ विकृति के साथ हुआ था, जिसके चलते उनके दो पेल्विस और चार पैर थे। दो पैर पूर्णतः क्रियाशील थे, जबकि अन्य दो पतले और कमज़ोर। जब वह केवल 13 वर्ष की थीं, तब उन्होंने साइडशो में “टेक्सास की चार पैरों वाली लड़की” के नाम से परफॉर्म करना शुरू किया। उनके आकर्षक व्यक्तित्व, सौम्यता और चतुराई ने उन्हें जल्द ही भीड़ की पसंद बना दिया।
International history : लेकिन मर्टल ने खुद को केवल एक ‘अजीब तमाशा’ मानने से इंकार कर दिया। जीवन के रंगमंच पर असली किरदार तब आया, जब उन्होंने डॉक्टर क्लिंटन बिकनेल से विवाह किया। इस रिश्ते ने दुनिया की सोच को झकझोर दिया—क्योंकि न केवल मर्टल ने एक सामान्य वैवाहिक जीवन अपनाया, बल्कि उन्होंने पाँच बच्चों को भी जन्म दिया। डॉक्टर्स के अनुसार उनके दो गर्भाशय थे, और गर्भधारण एक ही गर्भाशय में होता था।
जहां मेडिकल वर्ल्ड उन्हें ‘चमत्कार’ मानता रहा, वहीं मर्टल ने साधारण जीवन की असाधारण सुंदरता को जिया। वह एक समर्पित मां, प्रेमपूर्ण पत्नी और समाज के लिए प्रेरणा बनीं।
1928 में जब उनका निधन हुआ, तब उनके जीवन की किताब बंद हुई, पर उनके संघर्ष और आत्मबल की कहानी अमर हो गई। आज भी वे एक ऐसी महिला के रूप में याद की जाती हैं, जिसने समाज की सोच को चुनौती दी और यह साबित किया कि शरीर की बनावट इंसान की पहचान नहीं होती—बल्कि उसकी आत्मा, साहस और जीवन जीने की शैली ही असली पहचान होती है।