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Mp news:शिक्षा माफियाओं के हाथ की कठपुतली बना भितरी विद्यालय

Mp news : –शिक्षा माफियाओं के हाथ की कठपुतली बना भितरी विद्यालय। -हरिजन आदिवासी उच्च माध्यमिक विद्यालय भितरी में शिक्षा माफियाओं का कब्ज़ा। Mp news : -शिक्षा के मंदिर माने जाने वाले विद्यालय ...

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Mp news : –शिक्षा माफियाओं के हाथ की कठपुतली बना भितरी विद्यालय।
-हरिजन आदिवासी उच्च माध्यमिक विद्यालय भितरी में शिक्षा माफियाओं का कब्ज़ा।

Mp news : -शिक्षा के मंदिर माने जाने वाले विद्यालय अब व्यापार का केंद्र बनते जा रहे हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण है भितरी में हरिजन आदिवासी शिक्षण कल्याण समिति के बैनर तले संचालित हरिजन आदिवासी उच्च माध्यमिक विद्यालय। यहां न तो भवन है, न ही बैठने की व्यवस्था और न ही नियमित कक्षाएं संचालित होती हैं, फिर भी विद्यालय में छात्रों की संख्या हर वर्ष 1000 से अधिक होती है।

Mp news : शून्य सुविधाएं, फिर भी हजारों छात्र

विद्यालय की हालत इतनी दयनीय है कि यहां कक्षा-01 से 10 तक नामांकन दिखाया जाता है, लेकिन हकीकत में केवल कक्षा 09 और 10 के कुछ छात्र ही कभी-कभार दिखाई देते हैं। भवन जर्जर है, फर्नीचर नहीं है, और स्टाफ की बात करें तो पूरे साल एक भी फैकेल्टी तैनात नहीं होती — सब कुछ केवल कागज़ों पर चलता है।

कागज़ों में चालू, ज़मीन पर शून्य

यह विद्यालय सरकारी दस्तावेज़ों में पूरी तरह संचालित बताया गया है, लेकिन वास्तव में यह सिर्फ़ परीक्षा देने और पास कराने का माध्यम बन चुका है। सूत्रों के अनुसार, कई छात्र केवल मार्कशीट प्राप्त करने के लिए यहाँ नाम दर्ज कराते हैं जबकि पढ़ाई वे बाहर कोचिंग संस्थानों से करते हैं।

Mp news: संदिग्ध भूमिका में संचालक मंडल और शिक्षा विभाग

विद्यालय के संचालन में शिक्षा माफियाओं की गहरी घुसपैठ है। संचालक मंडल की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है। आरोप है कि वे हर वर्ष ऐसे परीक्षा केंद्रों का चयन करते हैं जहाँ छात्रों को “आसानी” से पास कराया जा सके। इस काम में शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी और लिपिक भी संलिप्त बताए जाते हैं।

पैसे लेकर पास कराने का धंधा

यहां ऐसे छात्र भी पंजीकृत हैं जिनके पास होने की “गारंटी” प्रबंधन द्वारा ली जाती है। यानी छात्र पढ़े या न पढ़े, पैसे दो और पास हो जाओ। यह खुल्लमखुल्ला नकल व धांधली का अड्डा बन चुका है।

1980 में स्थापित, अब मूल्यों से भटका

1980 के दशक में जिस उद्देश्य और आदर्शों के साथ यह विद्यालय स्थापित हुआ था, वह अब पूरी तरह शिक्षा माफियाओं की कठपुतली बन चुका है। आज यह संस्थान शिक्षा के नाम पर केवल धंधा करने का ज़रिया बन गया है।

जल्द होगा और खुलासा

इस विद्यालय के संचालक मंडल के और भी कई कारनामों की जानकारी सामने आ रही है, जिन्हें फर्स्ट मैन ब्रेकिंग आगामी एपिसोड में उजागर करेगा।

शिक्षा विभाग से जवाबदेही और कड़ी कार्रवाई की मांग जनता कर रही है। अब देखना यह होगा कि क्या इस माफियागिरी पर कोई लगाम लग पाएगी या यह गोरखधंधा यूं ही चलता रहेगा।