होम अपना प्रदेश नेशनल न्यूज फैशन क्राइम न्यूज बिजनेस लाइफ स्टाइल ऑटो
---विज्ञापन---

Sidhi news:शाम ढलते ही ‘महखाना’ बन जाती हैं प्रियदर्शिनी नगर की गलियां

Sidhi news:शाम ढलते ही ‘महखाना’ बन जाती हैं प्रियदर्शिनी नगर की गलियां Sidhi news : सीधी जिले के जमोड़ी क्षेत्र अंतर्गत स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी प्रियदर्शिनी नगर की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही ...

Published

Sidhi news:शाम ढलते ही ‘महखाना’ बन जाती हैं प्रियदर्शिनी नगर की गलियां

Sidhi news : सीधी जिले के जमोड़ी क्षेत्र अंतर्गत स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी प्रियदर्शिनी नगर की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। कॉलोनी की कुछ गलियां अब केवल रिहायशी इलाकों की पहचान नहीं रह गई हैं, बल्कि शराबियों के लिए यह खुलेआम महफिल सजाने का केंद्र बन चुकी हैं। शाम होते ही गलियों में शराबियों का जमावड़ा लगना अब आम बात हो गई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह स्थिति अब असहनीय हो चुकी है। बुजुर्ग, महिलाएं और स्कूली बच्चे इस माहौल में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

पुलिस का नहीं रहा खौफ, शराबियों के हौंसले बुलंद

Sidhi news : एक समय था जब गश्त पर निकली पुलिस की एक झलक मात्र से गलियों से असामाजिक तत्व छूमंतर हो जाते थे। लेकिन अब पुलिस का खौफ खत्म होता दिखाई दे रहा है। शराबी बेखौफ होकर न सिर्फ शराब पीते हैं, बल्कि आम राहगीरों से गाली-गलौज और मारपीट करने में भी नहीं हिचकते।

स्थानीय रहवासी बताते हैं कि पुलिस को कई बार सूचना देने के बावजूद त्वरित और ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, जिससे शराबियों के हौंसले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं।

शराबियों ने बना लिया है अड्डा – चिन्हित गलियों में शाम होते ही लगता है जमावड़ा

Sidhi news : प्रियदर्शिनी नगर की कुछ विशेष गलियां जैसे सेक्टर C और D के बीच की गली, जल निगम के पीछे का रास्ता, तथा कालोनी के अंतिम छोर की झाड़ीनुमा जगह को शराबियों ने अपना स्थायी अड्डा बना लिया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि शाम 6 बजे के बाद इन क्षेत्रों में गुजरना खतरनाक हो जाता है।

कई मामलों में देखा गया है कि महिलाओं और युवतियों को देखकर शराबी आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं। स्थानीय युवकों पर भी अक्सर बेवजह झगड़ा करने की कोशिश की जाती है।

कोरेक्सियों का भी बढ़ रहा प्रभाव – युवाओं का भविष्य संकट में

Sidhi news : केवल शराबी ही नहीं, अब नशे के अन्य रूप जैसे कोरेक्स (कोडीन युक्त सिरप) पीने वाले युवाओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है। ये युवा चोरी-छिपे दुकान से यह सिरप खरीदते हैं और खाली मकानों या झाड़ियों के पास बैठकर सेवन करते हैं।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि समय रहते इन पर लगाम नहीं लगाई गई, तो यह पूरा क्षेत्र नशाखोरी का केंद्र बन जाएगा, जिससे अगली पीढ़ी भी प्रभावित होगी।

सामाजिक ताना-बाना बिगाड़ रहे हैं नशेड़ी – आमजन परेशान

एक ओर प्रशासन ‘ड्रग फ्री इंडिया’ जैसे अभियानों का प्रचार कर रहा है, तो दूसरी ओर जमीनी हकीकत इससे एकदम उलट है। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी जैसे शांत क्षेत्र में शराबी व कोरेक्सिए दिनदहाड़े नशा कर रहे हैं और आम नागरिकों का जीवन दूभर बना रहे हैं।

स्थानीय महिलाएं कहती हैं कि अब उन्हें बच्चों को अकेले स्कूल भेजने में डर लगता है। बुजुर्गों का भी कहना है कि शाम को टहलने निकलना अब जोखिम से खाली नहीं है।

सोमवार रात को दिखा हाईवोल्टेज ड्रामा – एक गिरफ्तार, दो फरार

पिछले सोमवार रात लगभग 10 बजे का समय था जब प्रियदर्शिनी नगर की गलियों में शराबियों का हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। तीन शराबियों ने नशे की हालत में जमकर उत्पात मचाया। गालियां, चिल्लाना और राहगीरों से उलझना – पूरा इलाका भय के माहौल में आ गया।

स्थानीय लोगों ने तत्काल पुलिस को फोन पर सूचना दी, जिसके बाद जमोड़ी पुलिस मौके पर पहुंची। हालांकि, पुलिस के आने से पहले ही दो शराबी मौके से फरार हो गए, जबकि एक को गिरफ्तार कर लिया गया।

चौंकाने वाली बात यह रही कि जिन वाहन से शराबी आए थे, उस वाहन और उसके मालिक की जानकारी पुलिस ने न लेना ही बेहतर समझा। इससे पुलिस की कार्यशैली और मंशा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

प्रशासन और पुलिस की लापरवाही से बढ़ रही घटनाएं

स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत के बावजूद पुलिस गश्त में रुचि नहीं दिखाती। शराबियों की नियमित उपस्थिति से न सिर्फ सामाजिक माहौल खराब हो रहा है, बल्कि अपराध की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं।

एक स्थानीय व्यापारी का कहना है, “हमने कई बार शिकायत की लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ। गश्त बस दिखावे के लिए होती है।”

समाधान की जरूरत – स्थायी कार्रवाई हो वरना उग्र आंदोलन

प्रियदर्शिनी नगर के नागरिकों का धैर्य अब जवाब दे रहा है। समाजसेवियों, रिटायर्ड अधिकारियों और युवा संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने शीघ्र इस समस्या का समाधान नहीं किया तो क्षेत्र में उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।

नागरिकों की मांगें इस प्रकार हैं:

चिन्हित क्षेत्रों में स्थायी पुलिस चौकी या मोबाइल गश्त हो।

शराबियों व नशेड़ियों की सूची बनाकर कड़ी निगरानी की जाए।

शराब बिक्री पर निगरानी हो – अवैध रूप से बिक रही शराब पर अंकुश लगे।

खाली और उजाड़ मकानों की पहचान कर उन पर कार्रवाई हो।

नशामुक्ति अभियान चलाकर युवाओं को जागरूक किया जाए।

निष्कर्ष

कार्रवाई नहीं हुई तो बन सकता है अपराध का गढ़ हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी प्रियदर्शिनी नगर की स्थिति यदि यूं ही बनी रही, तो आने वाले समय में यह क्षेत्र असामाजिक गतिविधियों का अड्डा बन सकता है। पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि स्थिति की गंभीरता को समझे और केवल प्रतीकात्मक कार्रवाई न करके ठोस कदम उठाए।

स्थानीय निवासियों की उम्मीदें अब भी जिंदा हैं – लेकिन समय रहते यदि यह उम्मीद टूट गई, तो कानून व्यवस्था की नींव हिल सकती है।