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रीवा सीएमएचओ दफ्तर बना ‘बेडरूम’, दिनदहाड़े सोते मिले लेखपाल – कार्रवाई पर सवाल

रीवा सीएमएचओ दफ्तर बना ‘बेडरूम’, दिनदहाड़े सोते मिले लेखपाल – कार्रवाई पर सवाल Rewa News:- सरकारी दफ्तरों की लापरवाहियों की कहानियाँ नई नहीं हैं, लेकिन इस बार रीवा से जो तस्वीर सामने आई ...

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रीवा सीएमएचओ दफ्तर बना ‘बेडरूम’, दिनदहाड़े सोते मिले लेखपाल – कार्रवाई पर सवाल

Rewa News:- सरकारी दफ्तरों की लापरवाहियों की कहानियाँ नई नहीं हैं, लेकिन इस बार रीवा से जो तस्वीर सामने आई है उसने प्रशासनिक अनुशासन पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।

दरअसल, जिले के सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ जिला लेखपाल कामकाज के समय दफ्तर को ही ‘बेडरूम’ बना बैठे। कुर्सी और सोफे पर दिनदहाड़े गहरी नींद में डूबे लेखपाल को देखकर साथी कर्मचारी भी हैरान रह गए। दफ्तर में मौजूद लोगों ने जब उन्हें टोका कि “यह कार्यस्थल है, आरामगृह नहीं”, तो लेखपाल का तुनकता हुआ जवाब और भी चौंकाने वाला था। उन्होंने कहा— “हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, हमें सभी बड़े अफसर जानते हैं।”

Rewa news:- लेखपाल का यह बयान कार्यशैली ही नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र पर सवाल खड़ा करता है। सरकारी कार्यालयों में जनता अपने जरूरी काम लेकर पहुँचती है, लेकिन जब कर्मचारी दफ्तर को आरामगृह समझने लगें तो आमजन का भरोसा कैसे कायम रहेगा?

सूत्रों की मानें तो सीएमएचओ कार्यालय में पहले भी अनुशासनहीनता और लापरवाही की शिकायतें उठ चुकी हैं, लेकिन हर बार ठोस कार्रवाई टलती रही। यही वजह है कि कर्मचारी अब खुलेआम मनमानी करने से नहीं हिचकते।

इस घटना के बाद दफ्तर का माहौल गर्म है और कई कर्मचारी दबाव महसूस कर रहे हैं। सवाल यह है कि क्या जिला प्रशासन इस मामले पर सख्त कदम उठाएगा या फिर लेखपाल की “लंबी पहुंच” एक बार फिर उन्हें बचा लेगी?

रीवा से आई यह तस्वीरें केवल एक कर्मचारी की लापरवाही नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की ढिलाई और अनुशासनहीनता को उजागर करती हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस प्रकरण पर कितना गंभीर रुख अपनाता है।