Gold के अनोखे डिजाइन,परंपरा और नजाकत का मेल, महिलाओं को भा रहे नए गहनों के पैटर्न
भारतीय समाज में Gold के गहनों की चमक कभी फीकी नहीं पड़ती। बदलते दौर में भले ही फैशन के कई रंग आए हों, लेकिन सोने की बालियां और मंगलसूत्र जैसी पारंपरिक ज्वेलरी आज भी महिलाओं की पहली पसंद बनी हुई है। बाजार में उतरे नए डिजाइनों ने इस परंपरा को और भी आधुनिक अंदाज दे दिया है। हाल ही में सामने आई तस्वीरों में दिखाई दे रहे आभूषण—छोटी बालियां, कंगन शैली की बड़ी बाली और मंगलसूत्र—खासे चर्चा में हैं।
छोटी बालियों की खूबसूरती
तस्वीर में पांच अलग-अलग प्रकार की Gold बालियां दिखाई दे रही हैं, जिनकी कीमत ₹3200 से लेकर ₹4300 तक है। इनमें से कुछ सादी गोलाई लिए हुए हैं तो कुछ पर झूलते हुए लटकन इसे पारंपरिक स्पर्श देते हैं। इनका सबसे बड़ा आकर्षण है कि इन्हें हल्के वजन में भी बेहद सुंदरता से गढ़ा गया है। रोजाना पहनने के लिए ये आरामदायक हैं और चेहरे पर अलग निखार लाती हैं।
कंगन जैसी बड़ी बाली (₹32,000)
हथेली पर रखी बड़ी बाली, जिसकी कीमत ₹32,000 बताई गई है, Gold कंगन जैसी बनावट लिए हुए है। इसके चारों ओर की गई बारीक जाली और लटकते हुए छोटे-छोटे डिजाइन इसे बेहद आकर्षक बनाते हैं। इसे त्योहारों और शादियों जैसे खास मौकों पर पहनना महिलाओं की शान बढ़ा देता है। इस प्रकार की डिजाइन कारीगरों की निपुणता और धैर्य का प्रमाण है।
मंगलसूत्र – रिश्तों का प्रतीक (₹45,000)
तस्वीर में नीचे की ओर रखा मंगलसूत्र, जिसकी कीमत ₹45,000 है, इस कलेक्शन का सबसे अहम हिस्सा है। हिंदू रीति-रिवाजों में मंगलसूत्र केवल गहना नहीं बल्कि पति-पत्नी के संबंध का पवित्र प्रतीक है। इसकी डिजाइन बेहद अलग है—ऊपर की ओर दो पक्षियों की आकृति और बीच में जटिल नक्काशीदार पैटर्न, जबकि नीचे की ओर पत्तियों जैसे लटकन इसकी भव्यता बढ़ाते हैं।
कारीगरी और महत्व
इन आभूषणों को बनाने में सोने की पतली तारों और प्लेटों को आकार देकर महीन औजारों से नक्काशी की जाती है। फिर उन पर लटकन और जालीदार काम जोड़ा जाता है। यही कारण है कि हर पीस में अलग ही निखार और कला दिखाई देती है।
बालियां – सरलता और रोजमर्रा के उपयोग के लिए उपयुक्त।
बड़ी बाली – उत्सवों और समारोहों के लिए खास।
मंगलसूत्र – वैवाहिक जीवन की पवित्र पहचान।
निष्कर्ष
यह नया कलेक्शन इस बात का उदाहरण है कि फैशन बदलने के बावजूद पारंपरिक गहनों का महत्व कम नहीं होता। सोने के ये डिजाइन न केवल महिलाओं की सुंदरता को बढ़ाते हैं बल्कि भारतीय संस्कृति और कारीगरी की गहराई को भी दर्शाते हैं। यही वजह है कि महिलाएं इन गहनों को संजोकर आने वाली पीढ़ियों तक विरासत के रूप में देना पसंद करती हैं।







