होम अपना प्रदेश नेशनल न्यूज फैशन क्राइम न्यूज बिजनेस लाइफ स्टाइल ऑटो
---विज्ञापन---

रीवा में जन्मा Alien baby”: सफेद फटी त्वचा, कटी-फटी आंख-नाक, डॉक्टर्स भी रह गए दंग

रीवा में जन्मा Alien baby”: सफेद फटी त्वचा, कटी-फटी आंख-नाक, डॉक्टर्स भी रह गए दंग रीवा, मप्र। मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक नवजात ...

Published

रीवा में जन्मा Alien baby”: सफेद फटी त्वचा, कटी-फटी आंख-नाक, डॉक्टर्स भी रह गए दंग

रीवा, मप्र।

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक नवजात शिशु Alien baby के जन्म ने न सिर्फ डॉक्टरों को हैरान कर दिया, बल्कि गांव से लेकर अस्पताल तक हर कोई इसे ‘एलियन बेबी’ कहकर देख रहा है। दरअसल, इस शिशु का रंग दूधिया सफेद है, लेकिन उसकी त्वचा पर गहरी दरारें हैं। आंख, नाक, कान से लेकर पूरे शरीर की बनावट सामान्य से अलग और बुरी तरह कटी-फटी है।

यह दुर्लभ मामला जिले की त्योंथर तहसील के ढकरा सोंनौरी गांव का है। मंगलवार रात जब गांव की प्रियंका पटेल को प्रसव पीड़ा हुई, तो उन्हें परिजन तत्काल चाकघाट के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र ले गए। बुधवार सुबह सामान्य प्रसव के दौरान जब नवजात का जन्म हुआ, तो उसकी हालत देखकर सभी के होश उड़ गए। मां की स्थिति फिलहाल सामान्य है, लेकिन नवजात को गंभीर अवस्था में रीवा के गांधी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसे स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में रखा गया है।

Alien baby अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. करण जोशी ने बताया कि यह बच्चा कोलोडियन बेबी सिंड्रोम नामक एक अत्यंत दुर्लभ त्वचा रोग से पीड़ित है। इस स्थिति में शिशु की त्वचा बहुत मोटी हो जाती है और उसमें गहरी दरारें पड़ जाती हैं। त्वचा की यह परत इतनी कड़ी होती है कि शरीर की सामान्य संरचना भी विकृत नजर आने लगती है। इससे संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है और अगर समय पर इलाज न हो तो यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है।

डॉ. जोशी ने बताया कि कोलोडियन बेबी सिंड्रोम का कारण अनुवांशिक (जेनेटिक) होता है और यह एक लाख में से एक या दो बच्चों में ही देखने को मिलता है। इस तरह के बच्चे बहुत ही खास निगरानी और संवेदनशील देखभाल की मांग करते हैं। फिलहाल अस्पताल की डर्मेटोलॉजी और पीडियाट्रिक्स विभाग की संयुक्त टीम इस शिशु की विशेष देखरेख में जुटी है। हर घंटे उसकी स्थिति की मॉनिटरिंग की जा रही है।

ग्रामीणों में इस शिशु को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। कोई इसे दैवी चमत्कार मान रहा है तो कोई इसे अपशकुन समझकर डर भी रहा है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि यह विशुद्ध रूप से एक मेडिकल कंडीशन है, जिसका समय पर इलाज और देखभाल से प्रबंधन संभव है।

गौरतलब है कि पूरे विंध्य क्षेत्र में यह पहला ऐसा मामला है, और सालभर में भी पूरे मध्य प्रदेश में ऐसे दो-तीन केस ही रिपोर्ट किए जाते हैं।