साइकिल होगी सस्ती, जीएसटी दरों में कटौती से आम उपभोक्ताओं को राहत
सरकार द्वारा हाल ही में किए गए जीएसटी सुधारों का असर अब साइकिल उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा। केंद्र ने साइकिल और उसके पुर्जों पर लगने वाली जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। इस बदलाव से सीधे तौर पर साइकिल खरीदने वाले ग्राहकों को राहत मिलेगी। उद्योग जगत का मानना है कि इस कदम से न केवल उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि साइकिल उद्योग को भी नई गति मिलेगी। नई दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी।
GST:- विशेषज्ञों का कहना है कि यह सुधार विशेष रूप से मध्यम और निम्न वर्ग के लिए फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि साइकिल लंबे समय से आम आदमी की सुविधाजनक और किफायती सवारी रही है। उत्पादन से जुड़े कारोबारी भी इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं। यूनाइटेड साइकिल एंड पार्ट्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (UCPMA) के अध्यक्ष हरसिमरजीत सिंह लक्की ने इसे “ऐतिहासिक निर्णय” बताते हुए कहा कि यह बदलाव उद्योग को मजबूती देगा और ग्राहकों तक लाभ पहुंचाएगा।
हालांकि, चुनौतियां भी बनी हुई हैं। कच्चे माल पर 18 प्रतिशत जीएसटी पहले की तरह जारी है, जिससे छोटे और मंझोले उद्योगपतियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। निर्माताओं का कहना है कि यदि कच्चे माल पर भी कर घटाया जाए तो लागत और घटेगी, जिससे बाजार में साइकिल और भी सस्ती हो सकेगी।
GST:- भारत दुनिया के अग्रणी साइकिल उत्पादक देशों में से एक है। हर साल लगभग 1.6 से 1.8 करोड़ साइकिलों का उत्पादन किया जाता है। ऐसे में जीएसटी दरों में यह कटौती एक बड़े उपभोक्ता वर्ग तक राहत पहुंचाने वाली साबित हो सकती है।