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सेमरिया में झोलाछाप डॉक्टरों का साम्राज्य, जिम्मेदार चुप बिना कार्रवाई फल-फूल रहा अवैध कारोबार, स्वास्थ्य सेवाओं पर संकट

सेमरिया में झोलाछाप डॉक्टरों का साम्राज्य, जिम्मेदार चुप बिना कार्रवाई फल-फूल रहा अवैध कारोबार, स्वास्थ्य सेवाओं पर संकट सीधी। जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सेमरिया क्षेत्र में झोलाछाप ...

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सेमरिया में झोलाछाप डॉक्टरों का साम्राज्य, जिम्मेदार चुप बिना कार्रवाई फल-फूल रहा अवैध कारोबार, स्वास्थ्य सेवाओं पर संकट

सीधी। जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सेमरिया क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला थमने का नाम नहीं ले रहा। सेमरिया कस्बे और आसपास के गांवों में ऐसे दो दर्जन से अधिक कथित डॉक्टर खुलेआम क्लीनिक व अस्पताल चलाते देखे जा सकते हैं। इनमें से अधिकांश लोगों के पास न तो डॉक्टरी की डिग्री है और न ही कोई वैध पंजीयन, बावजूद इसके लोग दिन-रात इलाज करने का दावा करते हैं।

कमरों में चल रहे ‘अस्पताल’

कई झोलाछाप महज़ एक-दो कमरों को अस्पताल बना बैठे हैं। यहां तक कि दवाइयों से लेकर इंजेक्शन और ड्रिप तक मरीजों को दिया जा रहा है। हालत यह है कि जब उनसे डॉक्टरी संबंधी दस्तावेज मांगे जाते हैं तो गोलमोल जवाब देकर बचने की कोशिश करते हैं। कई बार तो जांच या मीडिया की भनक लगते ही क्लीनिक बंद कर भाग जाते हैं।

बीमार मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़

झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही मरीजों की जान पर भारी पड़ रही है। गलत दवा और गलत इलाज के कारण कई बार लोगों की हालत बिगड़ जाती है, जिसके बाद मरीजों को जिला अस्पताल रेफर करना पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मजबूरी में ग्रामीण इन क्लीनिकों का रुख करते हैं क्योंकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की उपलब्धता अक्सर संदिग्ध रहती है।

जिम्मेदारों की लापरवाही से फल-फूल रहा कारोबार

गौरतलब है कि सेमरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ और स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे यह अवैध कारोबार लंबे समय से चल रहा है। कार्रवाई न होने की वजह से इन झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले बुलंद हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते सख्ती नहीं की गई तो सेमरिया ही नहीं, पूरे जिले में यह कारोबार हजारों की संख्या तक पहुंच जाएगा।

प्रशासन कब करेगा कार्रवाई?

स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर क्यों झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ छापामार कार्रवाई नहीं की जाती? क्या स्वास्थ्य विभाग को इनकी जानकारी नहीं है या फिर जानबूझकर आंखें मूंद ली गई हैं?
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि तत्काल कार्रवाई कर झोलाछाप डॉक्टरों और अवैध मेडिकल स्टोर्स पर रोक लगाई जाए, ताकि आम जनता की जान से खिलवाड़ न हो सके।