Iraq history:”क्या प्राचीन सुमेरियाई सभ्यता में रहते थे दैत्याकार इंसान? ब्रिटिश म्यूज़ियम में रखी रहस्यमयी पत्थर की पट्टिका ने खड़ा किया चौंकाने वाला सवाल!”
Iraq history: ब्रिटिश म्यूज़ियम में रखी एक प्राचीन सुमेरियन पत्थर की पट्टिका इन दिनों इतिहासकारों और पुरातत्व प्रेमियों के बीच चर्चा का केंद्र बनी हुई है। इस ऐतिहासिक कलाकृति में एक बड़े आकार की मानव आकृति के बगल में एक अत्यंत छोटे कद के इंसान को दर्शाया गया है, जिसने ‘प्राचीन दैत्य’ के सिद्धांत को फिर से हवा दे दी है।
सुमेरियाई सभ्यता, जो आज के इराक़ के क्षेत्र में ईसा पूर्व 4500 वर्षों से भी पहले फली-फूली, अपने लेखन, कला और विज्ञान के लिए जानी जाती है। लेकिन इस पत्थर की पट्टिका ने इतिहास के उन पन्नों को खोल दिया है, जिनमें सवाल छिपे हैं – क्या वाकई सुमेरियनों का सामना असाधारण कद-काठी वाले मानव जैसे प्राणियों से हुआ था।
चित्र में एक विशाल वृक्ष के सामने खड़े दो व्यक्तियों को दर्शाया गया है। एक सामान्य आकार का व्यक्ति, जो झुककर एक बहुत ही छोटे कद के व्यक्ति की ओर झुका हुआ दिख रहा है। वहीं पास खड़ा दूसरा व्यक्ति लगभग विशालकाय प्रतीत होता है। इस चित्रण को देखकर कुछ इतिहास प्रेमी इसे प्रतीकात्मक मानते हैं, तो वहीं कुछ शोधकर्ता इसे “जाइंट्स” यानी दैत्यों के अस्तित्व का संभावित प्रमाण बता रहे हैं।
विशेषज्ञों का मत बंटा हुआ है — कुछ इसे सामाजिक वर्गों या शासक और सेवक के रूप में देखते हैं, जहां आकृति का आकार शक्ति का प्रतीक है। लेकिन दूसरी ओर कुछ इतिहासकार इसे महज प्रतीक नहीं मानते, बल्कि उनके अनुसार यह शायद उन दैत्याकार इंसानों के अस्तित्व का संकेत हो सकता है, जिनका उल्लेख विभिन्न प्राचीन ग्रंथों, मिथकों और कथाओं में भी मिलता रहा है।
Iraq history : हालांकि अभी तक इस पर कोई निर्णायक निष्कर्ष नहीं निकल पाया है, लेकिन यह रहस्यमयी पट्टिका जरूर इस बात का प्रमाण है कि इतिहास जितना हम जानते हैं, शायद उससे कहीं ज्यादा गहरा और रहस्यों से भरा हुआ है।