रीवा में नशे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर पुलिस का लाठीचार्ज, छात्रों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
मध्य प्रदेश के रीवा शहर में नशे के खिलाफ आवाज़ उठाना छात्रों को भारी पड़ गया है. नशे के अवैध कारोबार का सबूत लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे छात्र संगठन एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इस कार्रवाई में पुलिस ने छात्रों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा.
यह पूरा मामला गुरुवार शाम का है, जब एनएसयूआई के छात्र संगठन अवैध नशीली सिरप, खासकर कोरेक्स की खुलेआम बिक्री के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. बीते कई दिनों से रीवा में नशे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है और कई वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें पुलिस अधीक्षक कार्यालय से महज 200 मीटर की दूरी पर ही कोरेक्स की बिक्री होती दिख रही है.
पुलिस के इनकार के बावजूद, छात्र इस नशे के अवैध धंधे का सबूत लेकर एसपी दफ्तर पहुंचे. वे अपने साथ हजारों खाली कोरेक्स की शीशियाँ प्लास्टिक बैगों में भरकर लाए थे. उनका आरोप था कि पुलिस नशे के कारोबार को रोकने की बजाय, इसे बढ़ावा दे रही है.
रवि सुमित सिंह, प्रदेश सचिव, एनएसयूआई ने बताया कि
“हम केवल अपने शहर को नशे के दलदल से बचाना चाहते थे. हम एसपी साहब को सबूत देने आए थे कि किस तरह कॉलेज और युवा नशे के शिकार हो रहे हैं. लेकिन हमारी बात सुनने की बजाय, नए सीएसपी राजीव पाठक ने अचानक लाठीचार्ज का आदेश दे दिया. क्या पुलिस नशे के कारोबारियों को बचा रही है, या हमारी आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है?”
फिलहाल, पुलिस की इस कार्रवाई ने शहर में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. जहाँ छात्र संगठन पुलिस की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं पुलिस का कहना है कि वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई कर रहे थे.
अब सवाल यह है कि क्या रीवा में नशे के कारोबार पर पर्दा डाला जा रहा है, या फिर विरोध की आवाज़ को दबाने की कोशिश की जा रही है? यह देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है.