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Railway reform भारतीय रेलवे में सुधार की है एक प्रक्रिया

भारतीय रेलवे में सुधार: एक व्यापक बदलाव की दिशा में Railway reform : भारतीय रेलवे, जिसे देश की जीवनरेखा कहा जाता है, विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, जो 1,35,207 किलोमीटर ...

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भारतीय रेलवे में सुधार: एक व्यापक बदलाव की दिशा में

Railway reform : भारतीय रेलवे, जिसे देश की जीवनरेखा कहा जाता है, विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, जो 1,35,207 किलोमीटर से अधिक पटरियों पर प्रतिदिन 2.3 करोड़ यात्रियों और 33 लाख टन माल ढोता है। यह 12 लाख से अधिक कर्मचारियों के साथ भारत का दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता भी है। रेलवे सुधार (Railway Reforms) का तात्पर्य इस विशाल नेटवर्क में संरचनात्मक, तकनीकी, वित्तीय और परिचालनात्मक बदलावों से है, ताकि यह और अधिक कुशल, सुरक्षित, यात्री-अनुकूल और पर्यावरण के अनुकूल बन सके। यह लेख रेलवे सुधारों को ए-टू-जेड दृष्टिकोण से समझाता है, जिसमें प्रमुख पहलुओं और चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया है।

रेलवे सुधार क्या हैं?

Railway reform : रेलवे सुधार वे नीतिगत और तकनीकी कदम हैं जो भारतीय रेलवे को आधुनिक, टिकाऊ और यात्री-केंद्रित बनाने के लिए उठाए जा रहे हैं। इनका उद्देश्य रेलवे की परिचालन दक्षता, वित्तीय स्थिरता, बुनियादी ढांचे का विकास, और यात्री अनुभव को बेहतर करना है। सुधारों में हाई-स्पीड रेल, डिजिटल टिकटिंग, हरित ऊर्जा, और भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

प्रमुख सुधार और उनकी विशेषताएं

बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण:

Railway reform : भारतीय रेलवे ने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) और हाई-स्पीड रेल परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। उदाहरण के लिए, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना 508 किलोमीटर की दूरी को 2 घंटे में तय करने का लक्ष्य रखती है। हालांकि, भूमि अधिग्रहण और लागत जैसे मुद्दों के कारण यह 2028 तक विलंबित हो सकती है। इसके अलावा, 96.59% ब्रॉड-गेज नेटवर्क का विद्युतीकरण 2024 तक पूरा हो चुका है, जो पर्यावरणीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

सुरक्षा और तकनीकी उन्नयन:

सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, रेलवे ने ‘कवच’ (स्वचालित ट्रेन संरक्षण प्रणाली) को लागू करने की योजना बनाई है, जो ट्रेनों की टक्कर को रोकने में मदद करती है। इसके तहत 37,000 किलोमीटर ट्रैक पर स्वचालित सिग्नलिंग लागू की जाएगी। साथ ही, पुराने कोचों को आधुनिक LHB (लिंक हॉफमैन बुश) कोचों से बदला जा रहा है, जो हल्के और सुरक्षित हैं।

यात्री सुविधाएं:

Railway reform : रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ शुरू की गई है, जिसमें 1,300 से अधिक स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। वाई-फाई, बेहतर वेटिंग रूम, और स्वच्छता पर जोर दिया जा रहा है। रेल मदद पोर्टल के माध्यम से यात्री शिकायतें ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं और उनकी स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।

डिजिटल और पारदर्शी सेवाएं:

भारतीय रेलवे ने डिजिटल टिकटिंग और आरक्षण प्रणाली को मजबूत किया है। IRCTC ऐप और वेबसाइट के जरिए टिकट बुकिंग, ट्रेन की स्थिति, और रियल-टाइम जानकारी आसानी से उपलब्ध है। साथ ही, रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) ने ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया है, जिसमें 32,438 ग्रुप डी पदों के लिए 2025 में भर्ती शुरू हो चुकी है।

पर्यावरणीय स्थिरता:

रेलवे ने 2030 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 35 हाइड्रोजन ट्रेनें चलाने की योजना है। सौर और पवन ऊर्जा का उपयोग स्टेशनों और ट्रेनों में बढ़ाया जा रहा है।

वित्तीय सुधार:

2023-24 में रेलवे ने 32.18 बिलियन अमेरिकी डॉलर का यातायात राजस्व अर्जित किया, जो इसकी कुल आय का 99.8% है। हालांकि, उच्च परिचालन लागत (ऑपरेटिंग रेशियो) के कारण पूंजीगत व्यय के लिए संसाधन सीमित हैं। इसे कम करने के लिए निजी निवेश और PPP (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल को बढ़ावा दिया जा रहा है।

चुनौतियां और समाधान

ट्रेनों की देरी

कई ट्रेनें समय पर नहीं चलतीं, जिससे यात्रियों में असंतोष है। समय-सारणी को इलेक्ट्रिक इंजनों और डबल ट्रैक के हिसाब से अपडेट करने की जरूरत है।

भर्ती में पारदर्शिता

सोशल मीडिया पर अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया में सुधार, जैसे वार्षिक परीक्षा कैलेंडर और नजदीकी परीक्षा केंद्र, की मांग कर रहे हैं।

वित्तीय बोझ

रेलवे को बजटीय सहायता पर निर्भरता कम करने के लिए राजस्व बढ़ाने की आवश्यकता है।

सुरक्षा: दुर्घटनाओं को कम करने के लिए तकनीकी उन्नयन और कर्मचारी प्रशिक्षण जरूरी है।