Rewa news : उपरहटी मोहल्ला न केवल रीवा नगर का एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थान है, बल्कि यह धार्मिक आस्था और भक्ति का जीवंत उदाहरण भी है। इसे “आस्तिकों की बस्ती” कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी, क्योंकि यहां हर तीसरे-चौथे घर के पास एक मंदिर स्थित है।
राजा का मोहल्ला और धार्मिक परंपरा
Rewa news : कहा जाता है कि उपरहटी कभी एक राजा का निवास स्थान था। उनके द्वारा निर्मित किला आज भी मोहल्ले की शान और इतिहास का गवाह है। राजा धर्मात्मा थे और धार्मिक आचरण को समाज में बढ़ावा देते थे। उन्हीं के संस्कारों की छाप आज भी मोहल्ले की जीवनशैली में देखी जा सकती है। यहां के लोग धार्मिक रीति-रिवाजों और पूजा-पाठ को आज भी उसी श्रद्धा से निभा रहे हैं।
मंदिरों की भरमार और आस्था की गहराई
गारही मोहल्ला, जो उपरहटी का हिस्सा है, मंदिरों से भरा हुआ है। यहां हर नुक्कड़ पर देवी-देवताओं के मंदिर दिखाई देते हैं। महामृत्युंजय मंदिर यहां की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है। मोहल्ले के उल्टी दिशा से लेकर किला मेट क्षेत्र तक लगभग 25 मंदिर मौजूद हैं, जिनमें कई मंदिर धार्मिक संस्थानों के अंतर्गत संचालित होते हैं।
भक्तिभाव से ओतप्रोत जीवनशैली
यहां के लोग पूजा-पाठ में गहरी आस्था रखते हैं और धार्मिक आयोजनों में सक्रिय भागीदारी करते हैं। स्थानीय नागरिक बताते हैं कि प्रसिद्ध धार्मिक परिवारों में से एक पुष्पराज सिंह एवं उनके सुपुत्र दिवस सिंह नियमित रूप से मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं।
काशी जैसी पहचान की मांग
स्थानीय लोगों का मानना है कि उपरहटी मोहल्ला को उसकी धार्मिक महत्ता के आधार पर “छोटी काशी” का दर्जा मिलना चाहिए। यहां की परंपराएं, मंदिरों की बहुलता और भक्ति से भरा वातावरण इस मांग को जायज ठहराता है।
निष्कर्ष
Rewa news : उपरहटी न केवल एक मोहल्ला है, बल्कि यह रीवा नगर की धार्मिक आत्मा है। यहां की गलियों में भक्ति गूंजती है, मंदिरों की घंटियों में इतिहास झलकता है और लोगों की आस्था हर कोने में जीवन्त रूप से दिखाई देती है।