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Sawan special:पहाड़ों में बसे हैं भगवान तुर्रानाथ, सीधी में है अनोखा प्राचीन मंदिर

Sawan special : सावन के सोमवार पर श्रद्धा का सैलाब: आदिवासी अंचल के तुर्रानाथ धाम में उमड़े हजारों भक्त, हर मन्नत होती है पूरी Sawan special : सीधी जिले के कुसमी थाना क्षेत्र ...

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Sawan special : सावन के सोमवार पर श्रद्धा का सैलाब: आदिवासी अंचल के तुर्रानाथ धाम में उमड़े हजारों भक्त, हर मन्नत होती है पूरी

Sawan special : सीधी जिले के कुसमी थाना क्षेत्र अंतर्गत रौहाल पंचायत के पहाड़ी अंचल में स्थित प्राचीन तुर्रानाथ धाम सावन के दूसरे सोमवार को श्रद्धालुओं से सराबोर हो उठा। 100 वर्षों से भी अधिक पुराने इस शिवधाम की मान्यता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यहां शिवलिंग को विशाल चट्टान को काटकर पौराणिक काल के कलाकारों द्वारा निर्मित किया गया है, जिससे निरंतर शीतल और शुद्ध जल प्रवाहित होता रहता है—गर्मी हो या सर्दी, जल की धार कभी नहीं थमती।

यह मंदिर आदिवासी गोंड समाज के साथ-साथ अन्य समुदायों की आस्था का मजबूत केंद्र बन चुका है। श्रद्धालुओं की मान्यता है कि भोलेनाथ की कृपा से यहां हर मनोकामना पूर्ण होती है। मन्नत पूरी होने पर भक्तगण यहां भव्य भंडारा कराते हैं। सावन के पावन सोमवार को सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया। दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने बेलपत्र, जल व भस्म अर्पित कर भगवान शिव का जलाभिषेक किया और शांति-सौभाग्य की कामना की।

इस ऐतिहासिक धाम तक पहुंचने के लिए जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर की यात्रा करनी होती है। कुसमी चौराहा से जूरी रोड होते हुए लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर यह स्थल स्थित है। अंतिम दो किलोमीटर का मार्ग पहाड़ी और कच्चा है, जिसे श्रद्धालु पैदल या मोटरसाइकिल से तय करते हैं। संजय टाइगर रिजर्व की हरियाली और शांति इस धाम की पवित्रता में चार चांद लगा देती है।

Sawan special : विधायक धौहनी कुंवर सिंह टेकाम भी समय-समय पर यहां आकर दर्शन कर चुके हैं और पूजा-अर्चना में भाग लिया है। यह स्थल अब न केवल धार्मिक बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी आकर्षण का केंद्र बन चुका है।

तुर्रानाथ धाम की विशेषता यह है कि यहां का शिवलिंग स्वयंभू प्रतीत होता है और इसकी पवित्रता व प्रभाव से भक्तजन भावविभोर हो जाते हैं। सावन मास में विशेष रौनक होती है और यह धाम पूरे क्षेत्र के लिए आस्था, ऊर्जा और विश्वास का प्रतीक बन गया है।