रीवा शहर में लगातार बढ़ रही आवारा कुत्तों की संख्या अब जानलेवा होती जा रही है। ताजा मामला अमहिया थाना क्षेत्र के नरेंद्र नगर मोहल्ले से सामने आया है, जहां एक 14 वर्षीय बालक नितिन नट की मौत रेबीज संक्रमण के कारण हो गई। हैरानी की बात यह है कि परिजनों ने समय पर उसका इलाज और टीकाकरण कराया था, इसके बावजूद भी नितिन को नहीं बचाया जा सका।
नितिन, रीवा जिले के मनगवां थाना अंतर्गत पड़रिया गांव निवासी रमेश नट का बेटा था, जो गर्मी की छुट्टियों में मौसी के घर आया हुआ था। 16 जून को खेलते समय उसे एक आवारा कुत्ते ने गर्दन पर काट लिया। परिजनों ने तत्काल जिला अस्पताल में इलाज शुरू करवाया और रेबीज के तीन डोज भी लगवाए, लेकिन 6 जुलाई को उसकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। नितिन अजीब तरह से तड़पने लगा और उसकी हरकतें कुत्ते जैसी हो गईं। डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि रेबीज का संक्रमण मस्तिष्क तक पहुंच चुका है और अब इलाज का असर नहीं होगा।
परिजन उसे संजय गांधी अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों की टीम ने जवाब दे दिया। इसके बाद परिजन नितिन को झाड़-फूंक के लिए मऊगंज ले जा रहे थे, रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा ने बताया कि बच्चे में रेबीज के गंभीर लक्षण पाए गए थे और संक्रमण ब्रेन तक पहुंच गया था। ऐसी स्थिति में कोई भी दवा असर नहीं करती। उन्होंने यह भी चेताया कि रेबीज से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से दूसरों को भी खतरा हो सकता है।
इस दर्दनाक हादसे ने रीवा में बढ़ते डॉग बाइट्स के मामलों और प्रशासन की लापरवाही पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। आमजन में भय का माहौल है, लेकिन आवारा कुत्तों पर नियंत्रण को लेकर कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं की गई है। लोगों की मांग है कि प्रशासन जागे, इससे पहले कोई और मासूम इस खामोशी की बलि न चढ़ जाए।