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सीधी में रेल परियोजना के नाम पर ‘मुआवज़ा माफिया’ का खेल! — भू-माफिया, अफसर और ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकारी ख़ज़ाने पर करोड़ों का डाका

सीधी की उपनी में रेल परियोजना पर ‘मुआवज़ा माफिया’ का साया, ग्रामीणों का आरोप—सीमा से बाहर की ज़मीन को भी दिखाया अधिग्रहित   सीधी जिले के उपनी गांव में ललितपुर–सीधी–सिंगरौली रेल परियोजना के ...

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सीधी की उपनी में रेल परियोजना पर ‘मुआवज़ा माफिया’ का साया, ग्रामीणों का आरोप—सीमा से बाहर की ज़मीन को भी दिखाया अधिग्रहित

 

सीधी जिले के उपनी गांव में ललितपुर–सीधी–सिंगरौली रेल परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि राजस्व विभाग और रेलवे के कुछ अधिकारियों–कर्मचारियों की मिलीभगत से रेलवे सीमा से बाहर की निजी ज़मीनों को भी अधिग्रहण घोषित कर करोड़ों रुपये के सरकारी मुआवज़े का खेल खेला जा रहा है। इसी कथित घोटाले को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर को सामूहिक आवेदन सौंपकर तत्काल उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

ग्रामीण अनिल कुमार सिंह, शीलद्धवज सिंह और अन्य शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि रेलवे लाइन निर्माण के नाम पर कुछ भू–माफिया सक्रिय हैं, जिन्होंने अधिकारियों की सांठ–गांठ से अपने नाम ज़मीन दर्ज कराकर अधिग्रहण करवाया, जबकि वह ज़मीन रेलवे सीमा से बाहर है। ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई नया मामला नहीं है—2017–18 में भी इसी तरह का फर्जी मुआवज़ा वितरण हो चुका है और अब 2025–26 में वही ‘स्क्रिप्ट’ दोबारा चल रही है।

 

हल्का पटवारी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में भी यह तथ्य सामने आया कि जिन खसरा नंबरों का प्रकाशन धारा 11, 19 और 21 के तहत किया जा रहा है, वे रेलवे अधिग्रहण क्षेत्र में आते ही नहीं। इसके बावजूद अधिग्रहण की अवैध प्रक्रिया जारी है, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।

ग्रामीण रोहित सिंह ने बताया कि शिकायत आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) रीवा में की जा चुकी है, लेकिन कार्रवाई अब तक शून्य है। वहीं अनिल कुमार सिन्हा ने चेतावनी दी है कि यदि तुरंत निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो वे उच्च न्यायालय में जनहित याचिका (PIL) दाखिल करेंगे। उन्होंने फर्जी मुआवज़ा लेने वालों से वसूली और वर्तमान प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की।

उधर, तहसीलदार गोपदबनास राकेश शुक्ला ने बताया कि शिकायत मिलने पर वे मौके पर पहुंचे और रेलवे अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने पटवारी को पुनः सर्वे कर वास्तविक स्थिति रिपोर्ट करने और वैध पात्रों को ही मुआवज़ा प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं।