सीधी में 1से 25 करोड़ों की कीमत वाले दो सांप बरामद, वन विभाग ने बचाया
सीधी में 1से 25 करोड़ों की कीमत वाले दो सांप बरामद, वन विभाग ने बचाया सीधी जिले में वन विभाग की टीम ने दो अलग-अलग जगहों पर दुर्लभ प्रजाति के सैंड बोआ सांपों ...
सीधी में 1से 25 करोड़ों की कीमत वाले दो सांप बरामद, वन विभाग ने बचाया
सीधी जिले में वन विभाग की टीम ने दो अलग-अलग जगहों पर दुर्लभ प्रजाति के सैंड बोआ सांपों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया है। इन सांपों को सुरक्षित रूप से पकड़कर प्राकृतिक वास में छोड़ दिया गया है।
वन विभाग को पहला सांप रामगढ़ गांव में मिला, जबकि दूसरा जोरौधा बायपास के पास देखा गया। वनपाल पंकज मिश्रा के नेतृत्व में विभाग की टीम ने दोनों सांपों को बिना कोई नुकसान पहुँचाए रेस्क्यू किया। इन सांपों को पकड़ने के बाद, उन्हें जंगल में उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया गया है।
सैंड बोआ सांप क्यों है इतना ख़ास?
सैंड बोआ एक दुर्लभ प्रजाति का सांप है, जिसकी पहचान उसकी विशेष पूंछ से होती है। यह सांप अपनी दुर्लभता के कारण अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में बहुत ऊंचे दामों पर बिकता है। सूत्रों के अनुसार, इसकी कीमत 1 करोड़ से 25 करोड़ रुपये तक हो सकती है। इसका मुख्य कारण इसकी तस्करी और अवैध मांग है।
माना जाता है कि इस सांप का उपयोग विभिन्न तांत्रिक गतिविधियों और कुछ दवाएँ बनाने के लिए किया जाता है, जिसमें यौन शक्ति बढ़ाने वाली दवाएँ भी शामिल हैं। इन दावों के कारण इसकी अवैध खरीद-फरोख्त बहुत ज़्यादा होती है।
संरक्षण की ज़रूरत
सैंड बोआ सांप को 1972 में भारत सरकार द्वारा ‘संरक्षित पशु’ घोषित किया गया था। यह लगातार विलुप्त हो रही प्रजातियों में से एक है, और इसका संरक्षण बहुत ज़रूरी है। वन विभाग ने इस तरह की दुर्लभ प्रजातियों को बचाने और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील की है। विभाग की टीम ऐसे सांपों को रेस्क्यू करने और उन्हें सुरक्षित स्थान पर छोड़ने के लिए लगातार काम कर रही है।