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तानाशाही के साए में जी रहे हैं कठार के ग्रामीण

चुरहट विधानसभा क्षेत्र में अब भी हावी है बाहुबलियों का दबदबा चुरहट विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कठार में आज भी तानाशाही की परंपरा बदस्तूर जारी है। अनुसूचित जाति परिवारों ने गंभीर आरोप लगाते ...

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चुरहट विधानसभा क्षेत्र में अब भी हावी है बाहुबलियों का दबदबा

चुरहट विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कठार में आज भी तानाशाही की परंपरा बदस्तूर जारी है। अनुसूचित जाति परिवारों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि गांव में कुछ बाहुबली लोग हैं जो वर्तमान विधायक के नाम का भय दिखाकर शासन की जमीनों पर कब्जा जमाए बैठे हैं, और गरीब परिवारों को झोपड़ी तक नहीं बनाने दे रहे।

 

ग्रामीणों ने बताया कि वे पिछले 40 वर्षों से शासन की जमीन पर पुश्तैनी तौर पर रह रहे हैं, क्योंकि उनके पास निजी भूमि नहीं है। ऐसे में वे सरकारी भूमि पर झोपड़ी बनाकर किसी तरह गुजर-बसर कर रहे हैं। लेकिन जैसे ही कोई झोपड़ी बनाना शुरू करता है, विधायक के नाम से फोन कर बुलडोजर चलवा दिया जाता है।

 

पीड़ितों का कहना है कि प्रशासन पूरी तरह मौन है। गांव में हजारों की तादाद में पक्के मकान बाहुबलियों द्वारा शासन की भूमि पर बना लिए गए हैं, मगर अधिकारियों की आंखें बंद हैं। जबकि गरीब, दलित और मजदूर वर्ग के लोगों को अपनी झोपड़ी बनाने तक की इजाजत नहीं है।

 

ग्रामीणों ने यह भी बताया कि बाहुबली जमींदारों के यहां मजदूरी करने से इनकार करने पर उन्हें दबाव और प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है, जिससे उनका जीवन और भी कठिन हो गया है।

यह पूरा मामला चुरहट विधानसभा के करौंदिया और कठार गांव का है, जहां जनता आज भी लोकतंत्र नहीं, तानाशाही के साए में जीने को मजबूर है