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सीधी व मैहर जिले के ग्रामीण कंपनी के खिलाफ हुये लामबंद

SIDHI NEWS.सीएसआर मद का नहीं हो रहा है सही उपयोग मैहर एवं सीधी जिले के 42 गांव है सीमेंट प्लांट से प्रभावित सीधी। मैहर एवं सीधी जिले के अल्ट्राटेक कंपनी मझिगवां से करीब ...

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SIDHI NEWS.सीएसआर मद का नहीं हो रहा है सही उपयोग
मैहर एवं सीधी जिले के 42 गांव है सीमेंट प्लांट से प्रभावित
सीधी। मैहर एवं सीधी जिले के अल्ट्राटेक कंपनी मझिगवां से करीब 42 गांवों के ग्रामीण जन एक जुट होकर कंपनी के खिलाफ लाबमबंध हो रहे हैं। सीधी जिले का एक मात्र औद्योगिक प्रतिष्ठान के नियमों के अनुसार तीन वर्षों के औसत शुद्ध लाभ की दो प्रतिशत राशि उद्योग के समीपवर्ती गांवों के समग्र ग्रामीण विकास हेतु,(सीएसआर) फंड में कंपनी अधिनियम 2013, की धारा 135, में निर्धारित है, जिसका दुरुपयोग अल्ट्राटेक सीधी सीमेंट प्लांट के प्रबंधन द्वारा किया जा रहा है, नतीजतन शिक्षा स्वास्थ्य पर्यावरण महिला सशक्तिकरण एवं अधोसंरचनात्मक जैसे सामुदायिक विकास का परिदृश्य आठ वर्ष के बाद बद्तर है। समीपवर्ती ग्राम

पंचायत पटना मझिगवां पिपरांव बुढ़गौना बघवार भरतपुर खारा चोरगडी आदि में सम्मिलित गांवों का हाल बेहाल है।तदाशय की जानकारी देते हुए जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के उपाध्यक्ष ऋषिराज मिश्रा के सहित ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों तथा प्रबुद्ध जनों द्वारा बताया गया कि सीएसआर मद का कार्य व्यय शासन प्रशासन की खुशामदी के मद्देनजर प्रशासनिक कार्यालयों, निज निवासों, पर राजनीतिक सांठ-गांठ से किया जाकर सामाजिक विकास का खाका तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संचालित परियोजनाओं के प्रभाव तथा उनकी उपयोगिता का मूल्यांकन होने पर सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।

जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि प्लांट प्रबंधन द्वारा शिक्षा के नाम भारी भरकम शुल्क लिया जाना, स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प करना,कला कौशल एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में शून्य वत स्थिति निर्मित करना, मूलभूत सुविधाओं से पृथक करना,स्थानीय जन-मानस के साथ सौतेला व्यवहार करना आदि की स्थिति से ग्रामीण जूझ रहे हैं, वहीं दुर्गंधयुक्त प्रदूषण से जीवन नारकीय बना हुआ है। रिस्पांसिबिलिटी सीएसआर मद हेतु नियत सामाजिक जिम्मेदारी, शिक्षा, स्वास्थ्य पर्यावरण संरक्षण आदि मूलभूत तथा बुनियादी विकास के स्थान पर दिखावे बतौर,जुलाई अगस्त महीने के स्थान पर अक्टूबर में समीपवर्ती गांवों में संचालित शासकीय स्कूलों के प्रायमरी श्रेणी के बच्चों कों घटिया स्तर का स्कूली बैग वितरित करना,सोलर विद्युत पोल खड़ा करना, मोनो के साथ शोपीस हैंडपंप लगाना,ही क्षेत्र के विकास की पहचान है,। कृषि एवं अधोसंरचनात्मक विकास के क्षेत्र में दिखावा भी धूमिल है । कुल मिलाकर सीएसआर फंड भी निजीकरण की बलि चढ़ गया है। शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट है।